दुष्कर्म के मामलों में कई बार देखा जाता है कि रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद पीड़ित महिला की ओर से बयान बदल दिए जाते हैं। इस वजह से जिन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होता है। उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं जो किसी को ब्लैकमेल करने के लिए दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराती हैं। लाखों रुपए वसूलने के बाद वह कोर्ट में बयान बदल देती है। ऐसा ही एक संगीन मामला जयपुर में सामने आया है। जयपुर में दी बार एसोसिएशन की ओर से पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन देकर एक महिला के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है जो आए दिन दुष्कर्म के मुकदमे दर्ज कराती है और बाद में बयान बदल देती है।

8 साल में 20 लोगों पर दुष्कर्म के 14 मुकदमे दर्ज कराए
जिस महिला के खिलाफ वकीलों की ओर से पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ को ज्ञापन दिया गया। उस महिला ने पिछले 8 साल 20 लोगों के खिलाफ अलग अलग पुलिस थानों में दुष्कर्म के 14 मुकदमे दर्ज कराए। अधिकतर मामलों में उस महिला ने बाद में बयान बदल दिए। दी बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष पवन शर्मा और महासचिव राजकुमार शर्मा की ओर से दिए गए ज्ञापन में बताया गया कि वह महिला योजनाबद्ध तरीके से लोगों से रुपए ऐंठने के लिए मुकदमे दर्ज कराती रहती है।

महिला का रिकॉर्ड हैरान करने वाला
पुलिस कमिश्नर को दिए गए ज्ञापन में बताया गया कि वह महिला धारा 376, 377 और 354 के तहत मुकदमा दर्ज कराती है जिसमें दुष्कर्म, अप्राकृतिक रूप से दुष्कर्म और छेड़छाड़ के आरोप लगाए जाते हैं। गैर जमानती धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए दबिश देती है। वर्ष 2016 में महिला ने श्याम नगर थाने में दुष्कर्म के दो अलग अलग मुकदमे दर्ज कराए थे। वर्ष 2016 में ही बगरू थाने में दुष्कर्म की FIR दर्ज कराई। बाद में वर्ष 2018 में ज्योति नगर, 2019 में कानोता, 2020 में गुरुग्राम में दुष्कर्म के 3 अलग अलग मुकदमे दर्ज कराए। वर्ष 2021 में जयपुर के शिप्रापथ और मध्यप्रदेश में एक मुकदमा दर्ज कराया। 2022 में जयपुर के चित्रकूट और महेश नगर के अलावा कोटा जिले के साकेत नगर में FIR दर्ज कराई। वर्ष 2023 में जयपुर के शिप्रापथ, ज्योति नगर, श्याम नगर और महेश नगर में दुष्कर्म के मुकदमे दर्ज कराए।

वकील के खिलाफ FIR हुई तो एक्शन में आए वकील
वर्ष 2023 में उस महिला ने जयपुर के महेश नगर थाने में एडवोकेट लोकेश गौड़ के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया। लोकेश उस महिला का वकील था जो अलग अलग मामलों में उसकी ओर से पैरवी करता था। दी बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों का आरोप है कि महिला ने एडवोकेट लोकेश गौड़ को कभी फीस नहीं दी और फीस मांगने का दबाव बनाने पर दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज करा दिया। पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन देकर वकीलों ने उक्त महिला के खिलाफ कार्रवाई की मांग की ताकि झूठे मुकदमो पर अंकुश लगाया जा सके।

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